pb8 live news :त्योहारी सीजन के दौरान स्वास्थ्य विभाग की फूड विंग टीम का सुस्त व्यवहार मिलावटखोरी को बढ़ावा दे सकता है, क्योंकि जितनी कम जांच और सैंपलिंग होगी, मिलावटखोरों के हौंसले उतने ही ज्यादा बढ़ेंगे। यह मिलावट लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।
फूड विंग की अगस्त माह की रिपोर्ट देखी जाए तो जिले में 150 सर्विलांस सैंपल भरने की जरूरत है, जबकि मात्र 14 सर्विलांस सैंपल लिए गए। इसके अलावा एनफोर्समेंट या कानूनी सैंपलों के लिए 42 की निश्चित संख्या रखी गई है, लेकिन अगस्त माह में केवल 10 सैंपल ही लिए गए। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, प्रत्येक खाद्य सुरक्षा अधिकारी को एक महीने में 25 सर्विलांस सैंपल लेने होते हैं और जहां तक एनफोर्समेंट सैंपल का सवाल है, प्रत्येक खाद्य सुरक्षा अधिकारी को हर महीने 7 सैंपल लेने होते हैं, लेकिन त्योहारी सीजन के दौरान यह और भी अधिक है। संख्या बढ़ती है तो स्वास्थ्य विभाग के पक्ष में यही कहा जाएगा कि वह अच्छा काम कर रहा है। इसके विपरीत वर्तमान में सैंपलिंग का काम बेहद मध्यम गति से किया जा रहा है। इसके लिए पिक एंड चूज की नीति अपनाई जा रही है, वहीं खाद्य व्यवसाय संचालकों और हलवाई आदि सहित बड़े दुकानदारों के मामले देखकर सैंपल लिए जा रहे हैं, जिसे खानापूर्ति भी कहा जा सकता है